NEFT क्या है? और इसके काम करने के तरीके क्या है? – COOKUPI

NEFT क्या है? और इसके काम करने के तरीके क्या है?

NEFT क्या है? और इसके काम करने के तरीके क्या है?

साथियों हम सभी लोग ज्यादातर पैसों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने यानी कि ट्रांसफर करने के लिए NEFT का उपयोग किया करते हैं। मगर आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्होंने अभी तक नेट बैंकिंग एवं बैंक ट्रांसफर जैसी चीजों के बारे में जानकारी नहीं ले पाई होगी क्योंकि ऐसे लोगों को NEFT के बारे में बहुत ही कम पता होता है। और फिर वह कोई ना कोई बड़ी गलती कर बैठते हैं। फिर बाद में पछताते भी हैं।तो उनकी इसी समस्या को दूर करने के लिए हम यह पोस्ट खास उन्हीं के लिए लेकर के आए हैं। क्योंकि साथियों नेफ्ट के बहुत से ऐसे फायदे होते हैं। जिनका फायदा आप लोग बिल्कुल फ्री में उठा सकते हो।

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जैसे कि आप अपने मोबाइल के द्वारा ही पैसों को एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर सकते हो इससे आपको बैंक में जाने की या फिर किसी केंद्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होती है। और इससे आपका कीमती समय भी बच जाता है और उस समय को आप यानी के बचे हुए समय को आप अपने काम में लगा सकते हो तो इस प्रकार आपको बैंक में जाकर लंबी लाइन में लगने की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है।और साथियों आप यह बात तो जानते ही होंगे कि आज का यह डिजिटल युग है। जिसमें सारे काम ऑनलाइन ही एवं अपने फोन से ही किए जा रहे हैं। तो ऐसे समय पर अगर आप लोग NEFT की संपूर्ण जानकारी को समझना चाहते हो तो इस पोस्ट को शुरू से लेकर एंड तक जरूर पढ़ें।

NEFT क्या है? पूर्ण विवेचना

साथियों यहां पर हम सबसे पहले तो आपको NEFT की फुल फॉर्म बताएं तो इसकी फुल फॉर्म National electronic fund transfer होती है। और साथियों इसे हिंदी रूप में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण के नाम से भी जाना जाता है। कहने का मतलब है कि यह एक प्रकार से पैसे भेजने का एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम यानी कि तरीका होता है। इधर से आप बिल्कुल सुरक्षित तरीके से पैसे ट्रांसफर कर सकते हो और बिलकुल सेफ एंड सिक्योर ही पैसों को प्राप्त भी कर सकते हो हम आपको यहां पर बताना चाहेंगे कि NEFT सेटलमेंट को batch wise format के तौर पर बनाते हैं।

और दोस्तों इस सिस्टम के द्वारा आप भारत में किसी भी जगह पर पैसे ट्रांसफर कर सकते हो मगर उस बैंक का अकाउंट के अंदर NEFT enabled होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। साथियों अगर आप लोग NEFT के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करना चाहते हो तो इसके लिए आपको अपने बैंक के IFSC code के बारे में पता होना चाहिए। इनके अलावा आपको बैंक की और भी कई प्रकार की जानकारियों के बारे में ही पता होना चाहिए जैसे कि बैंक का अकाउंट, बैंक ब्रांच एवं अकाउंट होल्डर नाम इन सभी के बारे में पता होना आपको बहुत जरूरी है।

जानिए NPCI के बारे में?

यह भी एक फंड ट्रांसफर करने का तरीका होता है। जिसे आरबीआई के द्वारा शुरू किया गया था एवं सन 2005 में NEFT का निर्माण किया गया था साथियों आपको NEFT के बारे में जाने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है। यानी कि भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम npci क्या है। तो हम आपके यहां पर बताना चाहेंगे कि इस ट्रांसफर सिस्टम को किसी ने नहीं बनाया है। बल्कि स्वयं से बना है। यह एक ऐसी संगठन प्रक्रिया है। जो कि भारत के अंदर सभी प्रकार की रिटेल पेमेंट की देखभाल करती है। इंडियन बैंक एसोसिएशन एवं भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा npci का निर्माण किया गया है। और पूरे भारत के अंदर NEFT इस सेवा को लोगों को देता है। क्योंकि इससे ग्राहकों को बहुत ही ज्यादा फायदा मिलता है। जिसकी वजह से कस्टमर से नेफ्ट इनेबल्ड अकाउंट केंद्र बिल्कुल सुरक्षित तरीके से पैसों का आदान प्रदान कर पाते हैं।

NEFT के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कैसे करते हैं?

दोस्तों अगर आप लोग नेफ्ट के द्वारा पैसे भेजना या फिर प्राप्त करना चाहते हो तो आप लोग इस काम को अपने फोन, बैंक ब्रांच में जाने से एवं इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के द्वारा कर सकते हो तो दोस्तों आप इस प्रक्रिया को बिल्कुल बारीकी से समझना चाहती है। तो पोस्ट को आगे तक पढ़े।

Step 1: इसके लिए सबसे पहले आपको नेट बैंकिंग अकाउंट या फिर मोबाइल बैंकिंग केंद्र लॉगइन करना पड़ता है। और स्लोगन करने के बाद आपको ट्रांसफर के बटन पर क्लिक कर देना हुआ फिर बाद में आपको add beneficiary पर क्लिक करने के बाद आपको जानकारी भरनी पड़ती है।

Step 2 : जानकारी में आपको लाभार्थी का नाम,खाता नंबर, एड्रेस IFSC code और इसी के साथ-साथ कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी आपको देनी होती है। इसके बाद आपको नियम एवं शर्तों के बारे में जानकारी देने के लिए बोला जाता है। तो आपको सही पर टिक करके कंफर्म कर देना होगा ।

Step 3 : इसके बाद वेरीफाई करने के लिए आपके मोबाइल नंबर पर एक सिक्योरिटी कोड भेजा जाता है. जिसे डाल कर आप को वेरीफाई कर देना होगा दोस्तों इस कोड को इसी वजह से भेजते हैं। लाभार्थी को आपके द्वारा चुना गया है।

Step 4 : साथियों जब आपके अकाउंट के वेरिफिकेशन को 30 मिनट हो जाती हैं। तो फिर नेट बैंकिंग अकाउंट एवं मोबाइल बैंकिंग एप में ऐड हो जाता है।

Step 5 : और जब आपके अकाउंट के अंदर लाभार्थी का का अकाउंट नंबर कनेक्ट हो जाए तो फिर आप लोग चाहे जब NEFT के माध्यम से उस लाभार्थी को कभी भी पैसे भेज सकते हो या प्राप्त कर सकते हो और इस काम के लिए आपको ज्यादा परेशानी भी नहीं उठानी पड़ती है। आप जिस लाभार्थी को पैसे भेज रहे हैं। उसके अकाउंट नंबर को सेलेक्ट करके आपको जितने पैसे भेजने हैं। उतने पैसे टाइप करके भेज सकते हैं।

Step 6 : दोस्तों इतना सब कुछ होने के बाद आपको नियम एवं शर्तों के बारे में पूछते हैं। तो वहां पर आपको सही पर टिक करके को कंफर्म करना पड़ता है। फिर बाद में आप उसे कंफर्म कर दें जो उस लाभार्थी को आप अकाउंट में जोड़ देते हो तो आप लोग one time transfer कर के भी पैसे भेज सकते हो या प्राप्त कर सकते हो।

NEFT inward एवं outward का क्या मतलब है?

दोस्तों कभी न कभी तो बैंक में इन दोनों चीजों के बारे में पूछ ही लेते हैं। और आप लोग ऐसे सोच में पड़ जाते होंगे जैसे कि क्या हो गया है। आप सोचते होंगे कि आखिरकार इनका क्या मतलब होता है तो हम आपको यहां पर बता दें कि जब कभी भी आप लोग अपनी एक खाते से किसी दूसरे खाते के अंदर NEFT के द्वारा पैसे ट्रांसफर करते हो तो इसे बैंक की लैंग्वेज मैं neft inward कहते हैं। किसी के साथ साथ हम किस प्रकार से नेट के द्वारा बैंक में पैसा ट्रांसफर करते हैं। तो फिर इसे बैंक की लैंग्वेज में NEFT outward कहां करते हैं। और हम आपको यहां पर बताना चाहेंगे कि यह पैसे भेजने या फिर प्राप्त करने का सबसे सरल माध्यम होता है।

NEFT – UTR क्या होते हैं?

जब आप NEFT के द्वारा पैसे ट्रांसफर करते हो तो ऐसे समय पर एक NEFT UTR जारी करते हैं। और दोस्तों यह नंबर बहुत ही ज्यादा अलग होता है। आप इसे देखकर ऐसा कहने लगेंगे कि यह ट्रांजैक्शन नंबर दूसरे ट्रांजैक्शन नंबर से बहुत ही अलग है। और दोस्तों इस इस कारण से बैंक की भाषा में UTR को unique transaction reference number के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब है कि NEFT के द्वारा पैसे ट्रांसफर करने पर जो नंबर जारी किया जाता है हम उसे NEFT UTR कहते हैं।

दोस्तों जब ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया को स्टार्ट किया गया था। तो उस समय पर मात्र 2 तरीकों का उपयोग किया जाता था। और वह 2 तरीके NEFT and RTGS यही थे और इसी कारण से उस समय पर UTR नंबर को जारी किया जाता था। मगर अब डिजिटल भुगतान के द्वारा कई तरीकों को उपयोग में लाया जाता है। और इन्हीं वजह से अलग-अलग तरीकों से किए जाने वाले ट्रांजैक्शन के अलग-अलग नंबर जारी किए जाते हैं।और हां साथियों जो डिजिटल भुगतान करते समय यह ट्रांजैक्शन नंबर जारी किए जाते हैं वे u t r नहीं बल्कि ट्रांजैक्शन नंबर एवं रिफरेंस नंबर कहलाते हैं।

निष्कर्ष ( conclusion )

दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको NEFT के बारे में जानकारी दी है। और हम आशा करते हैं कि इस जानकारी को सीखने के बाद आपको इससे काफी ज्यादा लाभ हुआ होगा अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ एवं सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर जरूर शेयर करें अगर इस पोस्ट से संबंधित आप तुमने में कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं हम आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे धन्यवाद। RK.

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